" हिन्दी काव्य संकलन में आपका स्वागत है "


"इसे समृद्ध करने में अपना सहयोग दें"

सन्देश

मुद्दतें गुज़री तेरी याद भी आई न हमें,
और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं
हिन्दी काव्य संकलन में उपल्ब्ध सभी रचनायें उन सभी रचनाकारों/ कवियों के नाम से ही प्रकाशित की गयी है। मेरा यह प्रयास सभी रचनाकारों को अधिक प्रसिद्धि प्रदान करना है न की अपनी। इन महान साहित्यकारों की कृतियाँ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना ही इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है। यदि किसी रचनाकार अथवा वैध स्वामित्व वाले व्यक्ति को "हिन्दी काव्य संकलन" के किसी रचना से कोई आपत्ति हो या कोई सलाह हो तो वह हमें मेल कर सकते हैं। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी। यदि आप अपने किसी भी रचना को इस पृष्ठ पर प्रकाशित कराना चाहते हों तो आपका स्वागत है। आप अपनी रचनाओं को मेरे दिए हुए पते पर अपने संक्षिप्त परिचय के साथ भेज सकते है या लिंक्स दे सकते हैं। इस ब्लॉग के निरंतर समृद्ध करने और त्रुटिरहित बनाने में सहयोग की अपेक्षा है। आशा है मेरा यह प्रयास पाठकों के लिए लाभकारी होगा.(rajendra651@gmail.com)

फ़ॉलोअर

गुरुवार, 11 अप्रैल 2013

परवेज़ फ़ातिमा



1.

उदास, सहमे हुए लोग, खामुशी हर सू
सदाएं सुनती हूँ क्यों आज मौत की हर सू
तड़पते ख्वाबों की उरियां-बदन इबारत से
सदाए-मर्सिया मिलती है गूंजती हर सू
चुभो के खंजरे-नफ़रत की नोक सीनों में
बरहना नाच रही है दरिंदगी हर सू
हमारे ख्वाब भी महफूज़ रह न पायेंगे
कि हमने ख़्वाबों की ताबीर देख ली हर सू
कहा किसी ने कि इस शहर से चली जाओ
यहाँ मिलेगी तुम्हें सिर्फ़ बेकली हर सू
समझ में कुछ नहीं आता मैं क्या करूँ 'परवेज़'
लगा रही है मुझे ज़ख्म, बेहिसी हर सू