१.हर इक इंसान को इक दिन मौहब्बत आजमाती हैकिसी से रूठ जाती है किसी पर मुस्कुराती हैभला इंसान की तकदीर का ये खेल है कैसाकिसी का कुछ नहीं जाता किसी की जान जाती है
२.
अगर दिल दे दिया तो फिर न कोई जुस्तजू रखनाअगर हो जुस्तजू तो मत किसी के रुबरू रखनामौहब्बत हर कदम पर इम्तिहानों से गुजरती हैमौहब्बत करने वाले तू भी इसकी आबरू रखना३.
दिलों में कितनी चाहत थी हमें कहना नहीं आयासितम तो खूबसूरत था हमें सहना नहीं आयावो बीते कल की बातें आज दोहराने से क्या हांसिलसनम दरिया थे हम दोनों मगर बहना नहीं आया
४.
मेरे अहसास को तूने किसी काबिल नहीं समझाधड़कता है जो मुझमें तूने मेरा दिल नहीं समझामुझे तुझसे शिकायत है तो बस इतनी शिकायत हैमुझे बस रास्ता समझा मुझे मंजिल नहीं समझा५.
कभी ये सोचता हूँ काश तू उल्फ़त समझ लेताकभी ये सोचता हूँ प्यार की कीमत समझ लेतामेरी किस्मत तो जैसी थी शिकायत ही नहीं लेकिनतेरी किस्मत नहीं थी तू मेरी चाहत समझ लेता
६.
फ़कत बादल की तरह से बिखरना चाहता था बसमुककदर ही तेरे हाथों संवरना चाहता था बसमेरे होठों पे दुनिया ने बहुत खामोशीयाँ रख दींघड़ी भर ही मैं तुझसे बात करना चाहता था बस७.
मिलन के पल जो आये तो बहुत सी दूरियाँ रख दींउजाले मांगे तो तकदीर में तारीकियाँ रख दींकभी जब भी मेरा ये मन हुआ खामोशियाँ तोड़ूँमेरे होठों पे आकर के किसी ने उंगलियाँ रख दीं
८.
भुलाना चाहता हूँ और तेरी याद आती हैभुलाने की हर इक कोशिश यूं ही बेकार जाती हैभुला दी हैं बहुत सी बात बीते वक्त ने लेकिनतेरी पायल की रुनझुन तो मुझे अक्सर सताती है९.
तेरी जुल्फ़ों के साये से निकलना कौन चाहेगातेरे आगोश में गिरकर संभलना कौन चाहेगालकीरों में मेरे हाथों की तेरा नाम लिक्खा हैभला किस्मत के लिक्खे को बदलना कौन चाहेगा
१०.
मुझे डर है कहीं तन्हाई से अपनी न डर जायेमुझे डर है कहीं वो टूटकर के ना बिखर जायेखुदा मेरी दुआओं में असर इतना तो रख लेनाअगर वो डूबना चाहे तो दरिया ही उतर जाये११.
निराले रंग जीवन के अजब दुनिया का मेला हैयहाँ हर आदमी केवल समय के हाथ खेला हैभले ही भीड़ है अपनों की लेकिन भीड़ में रहकरयहाँ मैं भी अकेला हूँ वहाँ तू भी अकेला है
१२.
कभी सोचूं मुझे क्यूं दर्द की जागीर बक्शी हैकभी सोचूं मुझे ये किसलिए तकदीर बक्शी हैसुना है इम्तिहाँ होते हैं केवल खास लोगों केखुदा ने खास समझा तो मुझे ये पीर बख्शी है१३.
किसी तक दिल की बातें जो कभी पहूँचा नही पायाजो खुद को तीरगी से रोशनी में ला नहीं पायाभला वो जिंदगी की उलझनें सुलझायेगा कैसेकिसी की जुल्फ़ जो बिखरी हुई सुलझा नहीं पाया
१४.
कजा आती है पल – पल, जिंदगी मुश्किल से आती हैअगर हंसना भी चाहें तो, हंसी मुश्किल से आती हैउसी का नाम होठों पर उसी को है दुआ दिल सेजिसे शायद हमारी याद भी मुश्किल से आती है१५.
यूं छुपकर रोज मिलने का बहाना खूबसूरत हैनजर मिलते ही नजरों का चुराना खूबसूरत हैनहीं कुछ भी नहीं, कुछ भी नहीं, कुछ भी नहीं फिर तोतुम्हारा साथ जब तक है, जमाना खूबसूरत है
१६.
फ़िजा भी खूबसूरत है, सनम भी खूबसूरत हैसितम भी खूबसूरत है करम भी खूबसूरत हैकरिश्माई निगाहों के करिश्मों का भी क्या कहनाहकीकत खूबसूरत है भरम भी खूबसूरत है१७.
सवेरा होने से पहले अँधेरा खूब होता हैमुक़द्दर जगता है जगने से पहले खूब सोता हैज़रा सी इक ख़ुशी मिलती है, मिलती है, मगर उस परये दिल हँसता है तो हंसने से पहले खूब रोता है
१८.
- यकीं आये नहीं तुमको लेकिन हां चली जातीमुझे लगता है ये तो ख़ामाखा चली जातीतरीका और कुछ भी तो नहीं जिंदा रहने कातुम्हे गर दिल नहीं देता तो मेरी जा चली जाती
सन्देश
मुद्दतें गुज़री तेरी याद भी आई न हमें,
और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं
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