परिचय: हिन्दी के कवि ,आलोचक ,संस्मरण एवं यात्रावृत्तान्त लेखक ,दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिन्दी के प़ोफेसर (सेवा निवृत्त )
प्रकाशन: दस काव्य संग़ह ,दस आलोचनात्मक पुस्तकें तीन यात्रा वृत्तान्त,,दो संस्मरण संग़ह,एक उपन्यास ,एक आत्म कथा (प़थम खण्ड ) अंग़ेज़ी में लिखित निबन्ध संग़ह Reflections on Hindi literature (प़काश्य ) उर्दू ,अंग़ेज़ी की चयनित कविताएँ ,निबन्ध हिन्दी में अनूदित , पत्रिकाओं में प्रकाशित ।
सम्पर्क सूत्र: फ़ोन ०९३५०९७४१२० ईमेल drsudhesh@gmail.com
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१.
पाप के अभ्यस्त मुश्किल से बदलते हैं ,
पी कर हुए जो मस्त मुश्किल से सँभलते हैं ।
जिस प़़ाण का है मोह इतना प़ाणियों को
अन्त में वे बड़ी मुश्किल से निकलते हैं । ।
२.
ठोकरें खा पाँव रस्ते को बदलते हैं
बोझ ढोकर ही यहाँ कन्धे सँभलते हैं
प़़ाण को जो रखे फिरते हैं हथेली पर
प़़ाण उन के अन्त में हंस हंस निकलते हैं ।
३.
इस जगत में कौन दिल की बात कहता है
चाश्नी में सत्य की वह झूठ कहता है
दुखों की बारिश यहाँ पर रोज़ होती है
जिस पर गुज़रती आपदा वही सहता है ।
४.
मर मिटे जो काम करते वही भूखे हैं
धूप में जलते रहे जो वही सूखे हैं
पेट की जो भूख है सब को सताती है
पेट जिन के भरे धन के वही भूखे हैं ।
५.
कुछ धन मुझे भी चाहिये किन्तु मेहनत का
ज़िन्दगी को चलाने की सिर्फ मोहलत का
कण मुझे मिल जाए ख़ुद को धन्य समझूँगा
दिल की मुहब्बत का इन्सानी मुरव्वत का ।
६.
जो लिखा दिल से लिखा है
आँख भीगी तब लिखा है
सिर्फ लिंखने के लिए जो
नहीं कुछ ऐसा लिखा है ।
७.
लिखता हूँ पर कौन पढ़ेगा
मेरे पथ पर कौन बढ़ेगा
सच कहने पर मुझे छोड़ कर
इस सूली पर कौन चढ़ेगा ।
८.
आँसू दिल की भाषा है
घुटी घुटी अभिलाषा है
प्यार जिसे कहते ंउस की
यह प्यारी परिभाषा है ।
९.
तम की निशा निराशा है
प़ात: लाती आशा है
इन्द़धनुष सा सतरंगी
दुनिया एक तमाशा है ।
१०.
दिल का दिल से संवाद है
यह वाद नहीं न विवाद है
इस घायल दिल में दर्द जो
कविता ंउस का अनुवाद है ।
११.
दुनिया में द्वन्द्व विवाद है
वह युद्धों से बर्बाद है
बस प्यार जहाँ मेहमान है
दिल की बस्ती आबाद है ।
१२.
आज कल क्या कहें रिंश्तों से
अर्थ में तब्दील रिश्तों से
आदमीयत की चमक ग़ायब
शक्ल से दिखते फ़रिश्तों से ।
१३.
प्यार दिखता कहाँ रिंश्तों में
स्वाद किश्मिश में न पिस्तों में
जो धरे हैं उच्च सिंहासन
गिने जाते हैं फ़रिश्तों में ।