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सन्देश

मुद्दतें गुज़री तेरी याद भी आई न हमें,
और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं
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गुरुवार, 1 अगस्त 2013

जयशंकर प्रसाद

परिचय: 
जन्म: 30 जनवरी 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
निधन: 14 जनवरी 1937

हिन्दी कवि, नाटकार, कथाकार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिंदी काव्य मेंछायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई और वह काव्य की सिद्ध भाषा बन गई।
प्रमुख कृतियाँ: कामायनी, आँसू, कानन-कुसुम, प्रेम पथिक, झरना, लहर,कंकाल, तितली, इरावती

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