१.
आओ दीप पड़ोस में, आज सजा दें यार |
आपस में हैं घर सभी, नाते रिश्ते दार ||
सूरज दीपक बन करे, अमावस्य पर घात |
आज निशा के सामने, शरमाये परभात ||
उजियारा झरना झरे, झिलमिल दीपक हार |
खुशियाँ नाचें झूम के, आज सभी के द्वार ||
तेरे मेरे हाथ हों, सु - कामना के दीप |
सरस नेह हो मन भरा, जागे भाव प्रदीप ||
शीतल वायु खुशियों की, ले आया सन्देश |
सारी दुनिया से अलग, अपना भारत देश ||
२.
आओ दीप पड़ोस में, आज सजा दें यार |
आपस में हैं घर सभी, नाते रिश्ते दार ||
सूरज दीपक बन करे, अमावस्य पर घात |
आज निशा के सामने, शरमाये परभात ||
उजियारा झरना झरे, झिलमिल दीपक हार |
खुशियाँ नाचें झूम के, आज सभी के द्वार ||
तेरे मेरे हाथ हों, सु - कामना के दीप |
सरस नेह हो मन भरा, जागे भाव प्रदीप ||
शीतल वायु खुशियों की, ले आया सन्देश |
सारी दुनिया से अलग, अपना भारत देश ||