" हिन्दी काव्य संकलन में आपका स्वागत है "


"इसे समृद्ध करने में अपना सहयोग दें"

सन्देश

मुद्दतें गुज़री तेरी याद भी आई न हमें,
और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं
हिन्दी काव्य संकलन में उपल्ब्ध सभी रचनायें उन सभी रचनाकारों/ कवियों के नाम से ही प्रकाशित की गयी है। मेरा यह प्रयास सभी रचनाकारों को अधिक प्रसिद्धि प्रदान करना है न की अपनी। इन महान साहित्यकारों की कृतियाँ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाना ही इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है। यदि किसी रचनाकार अथवा वैध स्वामित्व वाले व्यक्ति को "हिन्दी काव्य संकलन" के किसी रचना से कोई आपत्ति हो या कोई सलाह हो तो वह हमें मेल कर सकते हैं। आपकी सूचना पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी। यदि आप अपने किसी भी रचना को इस पृष्ठ पर प्रकाशित कराना चाहते हों तो आपका स्वागत है। आप अपनी रचनाओं को मेरे दिए हुए पते पर अपने संक्षिप्त परिचय के साथ भेज सकते है या लिंक्स दे सकते हैं। इस ब्लॉग के निरंतर समृद्ध करने और त्रुटिरहित बनाने में सहयोग की अपेक्षा है। आशा है मेरा यह प्रयास पाठकों के लिए लाभकारी होगा.(rajendra651@gmail.com)

फ़ॉलोअर

शनिवार, 6 अप्रैल 2013

किशवर नाहीद



1.

हसरत है तुझे सामने बैठे हुए देखूं
मैं तुझसे मुखातिब हो तेरा हाल भी पूछूँ
दिल में है मुलाक़ात की ख्वाहिश की दबी आग
मेंहदी लगे हाथों को छुपा कर कहाँ रक्खूँ
जिस नाम से तूने मुझे बचपन से पुकारा
इक उम्र गुजरने पे भी वो नाम न भूलूं
तू अश्क ही बन के मेरी आंखों में समा जा
मैं आइना देखूं तो तेरा अक्स भी देखूं
पूछूँ कभी गुन्चों से, सितारों से, हवा से
तुझसे ही मगर एक तेरा नम न पूछूँ
ऐ मेरी तमन्ना के सितारे तू कहाँ है
तू आये तो ये जसम शबे-गम को न सौंपूँ

2.

कहानियाँ भी गयीं, किस्सा-ख्वानियाँ भी गयीं
वफ़ा के बाब की सब बेज़ुबानियाँ भी गयीं
वो बेज़याबिए-ग़म की सबील भी न रही
लुटा यूं दिल के सभी बेसबातियाँ भी गयीं
हवा चली तो हरे पत्ते सूख कर टूटे
वो सुब्ह आई तो हैराँनुमाइयां भी गयीं
ये मेरा चेहरा मुझे आईने में अपना लगे
इसी तलब में बदन की निशानियाँ भी गयीं
पलट-पलट के तुम्हें देखा पर मिले ही नहीं
वो अहदे-ज़ब्त भी टूटा, शिताबियाँ भी गयीं
मुझे तो आँख झपकना भी था गराँ लेकिन
दिलो-नज़र की तसव्वुर-शिआरियाँ भी गयीं